शनिवार के दिन ही शनि देव पर क्यों चढ़ाया जाता है सरसों का तेल?🤔🤔
शनिवार के दिन ही शनि देव पर क्यों चढ़ाया जाता है सरसों का तेल? यहां जानें
शनिवार का दिन शनि देव (Saturday Shanidev Puja) को समर्पित है. शनिवार के दिन शनि देव (Shani Dev) की सच्चे मन से पूजा-अर्चना करने पर शनि देव की कृपा प्राप्त होती है. को न्याय का देवता माना जाता है.
इनकी क्रूर दृष्टि से सिर्फ इंसान ही नहीं, बल्कि देवता भी डरते हैं. लोगों के अच्छे-बुरे कर्मों का हिसाब शनिदेव ही रखते हैं. ऐसे में उनकी कृपा पाने के लिए हर शनिवार के दिन मंदिर में सरसों के तेल और दीया चढ़ाया जाता है. ताकि उनका आशीर्वाद प्राप्त किया जा सके.
शनि देव को सिर्फ सरसों का तेल (Mustard Oil Offered To Shani Dev) ही अर्पित किया जाता है. क्या आपने कभी सोचा है कि शनि देव का सिर्फ सरसों का तेल ही क्यों चढ़ाया जाता है. नहीं, तो चलिए जानते हैं शनि देव को सरसों का तेल इतना क्यों पसंद है? चलिए जानते हैं इससे जुड़ी एक पौराणिक कथा के बारे में.
रामायण काल के दौरान शनि देव को अपने बल और पराक्रम पर घंमड हो गया और उसी समय हनुमान जी का पराक्रम की कीर्ति चारों दिशाओं में फैल रही थी. जब शनि देव को हनुमान दी के बल का पता लगा तो वे हनुमान के साथ युद्ध के लिए निकल पड़े. लेकिन जब शनि देव हनुमान जी के पास गए , तो उन्होंने देखा कि वे एक शांत स्तान पर श्री राम की भक्ति में लीन बैठे हैं.
हनुमान जी को श्री राम (Lord Shri Ram) का नाम लेता देख शनिदेव ने उन्हें युद्ध के लिए उकसाया. लेकिन हनुमान जी ने शनिदेव को समझाकर युद्ध (Hanuman Ji Shani Dev Fight) न करने के लिए कहा. लेकिन शनि देव भी हनुमान जी से युद्ध के लिए अड़े रहे. शनिदेव के इतना बोलने के बाद हनुमान जी युद्ध के लिए तैयार हो गए और दोनों के बीच घमासान युद्ध हुआ.
इस युद्ध में शनिदेव का घमंड चूर हो गया और हनुमान जी हार गए. हनुमान जी के प्रहार से उनके शरीर पर कई चोटें आई और शनि देव दर्द से परेशान हो गए. इसके बाद हनुमान ने शनिदेव के चोटों पर सरसों का तेल लगाया, जिससे उनकी सभी परेशानियां दूर हुई. इसके बाद से शनिदेव ने कहा कि आज के बाद जो भी मुझे सच्चे मन से सरसों का तेल चढ़ाएगा, उनको शनि से संबंधी सभी तरह के कष्टों से मुक्ति मिल जाएगी. तब से ही शनि देव को सरसों के तेल चढ़ाने की परंपरा है.
ये है मान्यता
शनि देव को लेकर मान्यता है कि शनिवार के दिन सरसों के तेल चढ़ाने से शनि देव उनपर विशेष कृपा बरसाते हैं. इससे लोगों की शारीरिक, मानसिक और आर्थिक समस्याएं दूर हो जाती है. ऐसा करने से शनि ढैय्या, साढ़ेसाती और शनि महादशा का प्रभाव कम हो जाता है.
शनि देव को करना है प्रसन्न तो शनिवार के दिन करें इन मंत्रों का जाप, शनि होंगे शांत
शनि दोष से मुक्ति पाने या शनि की साढ़े साती और ढैय्या के प्रभाव को कम करने के लिए शनिवार के दिन कुछ मंत्रों का जाप करें. इन मंत्रों के प्रभाव से शनि शांत होते हैं और कृपा बरसाते हैं.
Shanivar Shani Dev Puja Mantra: शनि के प्रकोप और बुरी दृष्टि से हर व्यक्ति बचना चाहता है. ज्योतिष में एक तरफ जहां शनि ग्रह को क्रूर ग्रह के रूप में देखा जाता है, तो वहीं शनि देव न्यायप्रधान देवता भी कहलाते हैं. क्योंकि वे अपने भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार ही शुभ और
देते हैं. जीवन में सुख-समृद्धि और शांति बनी रहे इसके लिए शनिवार के दिन शनि देव की पूजा जरूर करनी चाहिए. कहा जाता है कि जिन भक्तों को शनि देव का आशीर्वाद प्राप्त हो जाता है वह रंग से भी राजा बन जाता है और उसके जीवन के सारे कष्ट व दुख दूर हो जाते हैं.
शनि देव को प्रसन्न रखने के लिए कुछ विशेष मंत्रों के बारे में बताया गया है. इन मंत्रों का जाप शनिवार के दिन करने से कुंडली में शनि ग्रह शांत होते हैं और शनि की साढ़े साती व ढैया का प्रभाव कम होता है. साथ ही जो भक्त श्रद्धाभाव से इन मंत्रों का जाप करते हैं. शनि देव उन पर कृपा बरसाते हैं.
शनि देव को प्रसन्न रखने के लिए करें इन मंत्रों का जाप
शनि बीज मंत्र- ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
सामान्य मंत्र- ॐ शं शनैश्चराय नमः।
शनि महामंत्र- ॐ निलान्जन समाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम। छायामार्तंड संभूतं तं नमामि शनैश्चरम॥
शनि का वैदिक मंत्र- ऊँ शन्नोदेवीर-भिष्टयऽआपो भवन्तु पीतये शंय्योरभिस्त्रवन्तुनः।
शनि गायत्री मंत्र- ऊँ भगभवाय विद्महैं मृत्युरुपाय धीमहि तन्नो शनिः प्रचोद्यात्।
तांत्रिक शनि मंत्र- ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः।
शनि दोष निवारण मंत्र- ऊँ त्रयम्बकं यजामहे सुगंधिम पुष्टिवर्धनम। उर्वारुक मिव बन्धनान मृत्योर्मुक्षीय मा मृतात।।ॐ शन्नोदेवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये।शंयोरभिश्रवन्तु नः। ऊँ शं शनैश्चराय नमः।।
इस विधि से करें मंत्रों का जाप
शनिवार के दिन सुबह उठकर स्नानादि करें और काले रंग के साफ कपड़े पहनें. इसे साथ ही आप काले रंग से मिलते-जुलते रंग जैसे कि बैंगनी, ग्रे या स्लेटी रंग के कपड़े पहनें. आप किसी शनि मंदिर में जाकर शनि देव की पूजा करें और नीले रंग के फूल चढ़ाएं. कुश के आसान में बैठकर इन मंत्रों का जाप करें. इससे शनि देव शांत होते हैं और जीवन में सुख-संपत्ति आती है.
Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है. यहां यह बताना जरूरी है कि Reality hun किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है. किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें !!
धन्यावद
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